त्रिवेणी संगम के अरैल तट पर राम नाम की गूंज श्रद्धालु भक्तों को भक्ति की गंगा में गोते लगवाती रही। राम कथा मानस अक्षयवट के पांचवें दिन बुधवार को मोरारी बापू ने ‘भय प्रकट कृपाला दीनदयाला, कौशाल्या हितकारी, हर्षित महतारी मुनि मन हारी, अद्भुत रूप विचारी’ चौपाई का पाठ करते हुए प्रभु राम के जन्म का बखान किया। भक्तों ने भगवान श्रीराम का धूमधाम से जन्मोत्सव ही नहीं मनाया, बल्कि राम नाम का जप करते हुए झूमने नाचने लगे। इस दौरान प्रेम फकीरी होता है और यही सबसे बड़ा नशा है।
रामकथा में बोले मोरारी बापू- प्रेम तो फकीरी, फकीरी में सबसे ज्यादा नशा
• Nirmal Raj Gupta